तबेला सहाय योजना गुजरात में आदिवासी जनजाति के नागरिकों के लिए शुरू की गई है, जो अपने तबेलों का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। यह योजना उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखती है ताकि वे अपने व्यापार को सफल बना सकें।
पशुपालन ऋण योजना 2024 गुजरात सरकार द्वारा पशुपालन करने वाले लोगों के लिए प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत, गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन करने वाले व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे अपने पशुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करा सकें।
हलोल गुजरात की जनजाति है, और यह योजना आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध है। आप अपने घर से आवेदन कर सकते हैं। यहाँ आवश्यक दस्तावेज़ और प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए गुजरात सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
तबेला ऋण योजना गुजरात 2024
तबेला ऋण योजना गुजरात में आदिवासियों के लिए शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके गाय और भैंसों के लिए अस्तबल बनाना है। इस योजना के तहत, गुजरात के किसानों और चारवाहों को कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाता है ताकि वे अपने पशुओं के लिए आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करा सकें।
यह योजना आदिवासी निगम के माध्यम से प्रदान की जाती है, जिसके लिए आवेदकों को निम्नलिखित तय किए गए मानकों को पूरा करना होता है:
- आवेदक को गुजरात के निवासी होना चाहिए।
- आवेदक को आदिवासी जाति से होना चाहिए।
- आवेदक को गाय या भैंस के लिए ऋण लेने की इच्छा होनी चाहिए।
- आवेदक को आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, वास्तविक बैंक खाता आदि के साथ आवेदन करना होता है।
आवेदकों को स्थानीय आदिवासी निगम कार्यालय में जाकर अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और उन्हें अपनी पात्रता की पुष्टि करने के बाद आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए।
तबेला ऋण योजना 2024 का मुख्य उद्देश्य गुजरात
तबेला ऋण योजना का मुख्य उद्देश्य गुजरात सरकार के आदिजाति विकास द्वारा गुजरात राज्य में स्थित अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके अंतर्गत, उन्हें बैंकों के साथ-साथ बाहरी संस्थानों से उच्च ब्याज दरों पर ऋण लेना नहीं पड़ता है।
इस सहायता योजना के तहत, गुजरात के लोग कम ब्याज दर पर ऋण ले सकते हैं जिससे उन्हें अपने पशुओं के लिए अस्तबल बनाने में मदद मिलती है। यह योजना आदिजाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के आर्थिक विकास और स्वावलंबन को प्रोत्साहित करने का प्रयास है।
तबेला ऋण योजना 2024 के लिए पात्रता शर्तें
- आवेदन करने वाले व्यक्ति का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
- आवेदक की आयु 18 से कम नहीं होनी चाहिए, और अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष होती है।
- आवेदक की ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय 1,20,000 रुपये और शहरी क्षेत्र में 1,50,000 रुपये से कम होनी चाहिए।
- आवेदक के पास आधार कार्ड और निर्वाचन कार्ड होना चाहिए।
- आवेदक के पास स्वास्थ्य सुविधा को संचालित करने का ज्ञान या प्रशिक्षण होना चाहिए।
- यदि व्यक्ति स्थायी या स्वरोजगार व्यवसाय के लिए ऋण के लिए आवेदन कर रहा है, तो उसे इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
इन पात्रता मापदंडों को पूरा करने वाले व्यक्ति तबेला ऋण योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
तबेला ऋण योजना 2024 के तहत पात्र ऋण उठाने के लिए मानदंड
- आवेदक की पात्रता: आवेदक को गुजरात में निवास करना चाहिए और अनुसूचित जाति या जनजाति में होना चाहिए।
- आय की सीमा: आवेदक की आय को तय सीमा के अंतर्गत होनी चाहिए, जो ग्रामीण क्षेत्र में एक लाख बीस हजार रुपये और शहरी क्षेत्र में एक लाख पंद्रह हजार रुपये है।
- आवश्यक दस्तावेज़: आवेदक को पहचान के लिए आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड और अनुसूचित जाति या जनजाति प्रमाणपत्र की आवश्यकता हो सकती है।
- निवासी प्रमाण पत्र: आवेदक को गुजरात में निवास का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
- निर्माण योजना: आवेदक को तबेला योजना के तहत आवश्यकतानुसार निर्माण योजना और बजट प्रस्तुत करना होगा।
- आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं: यदि आवेदक ने जानवरों के लिए स्वास्थ्य सुविधा की योजना बनाई है, तो उसे इसकी प्रमाणिकता प्रस्तुत करनी होगी।
यह पात्रता मानदंड अनुसार, गुजरात सरकार द्वारा आवंटित ऋण योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदकों को उपरोक्त शर्तों का पालन करना होगा।
तबेला ऋण योजना 2024 के तहत ब्याज दर और योगदान
- ऋण की योगदान दर: तबेला सहाय योजना के अनुसार, आवेदक को लेने जा रहे ऋण के लिए 10% की अतिरिक्त योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि आवेदक आवंटित ऋण में 90% हिस्सा ही प्राप्त कर पाएंगे।
- ब्याज दर: तबेला ऋण सहाय योजना के तहत ऋण के लिए ब्याज दर चार प्रतिशत की दर से प्रदान की जाती है।
- देरी का जुर्माना: यदि कोई लाभार्थी तबेला ऋण की किश्तों का समय पर भुगतान नहीं करता है, तो उसे देरी का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। इसमें आमतौर पर देरी होने पर दो प्रतिशत का जुर्माना लागू किया जाता है।
- भुगतान की अवधि: तबेला ऋण सहाय योजना के तहत ऋण की किश्तों का भुगतान त्रैमासिक किश्तों में किया जाता है।
- पूर्व भुगतान: यदि कोई व्यक्ति समय से पहले ऋण को पूर्ववत चुका सकता है, तो उसे किसी भी प्रकार का पूर्व भुगतान करने का अधिकार होता है।
इन शर्तों के अनुसार, तबेला सहाय योजना के तहत आवंटित ऋण का उपयोग किसानों और पशुपालकों के लिए उनके व्यवसायिक और आर्थिक उत्थान के लिए किया जा सकता है।
तबेला ऋण सहायता योजना 2024 के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची
- अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र: यह प्रमाण पत्र उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जो अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंधित होते हैं।
- राशन कार्ड और पासबुक: ऋण के लिए आवेदन करने वाले की आवश्यकताओं को सत्यापित करने के लिए राशन कार्ड और पासबुक की प्रतियाँ आवश्यक होती हैं।
- आधार कार्ड की कॉपी: आधार कार्ड की प्रति भी आवश्यक होती है।
- लाभार्थी द्वारा प्रस्तुत संपत्ति प्रमाण पत्र: आवेदक को अपनी संपत्ति के संबंध में सटीक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए अपनी संपत्ति के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
- मकान दस्तावेज: आवेदक को अपने मकान के संबंध में सटीक विवरण प्रस्तुत करने के लिए मकान के दस्तावेज भी आवश्यक होते हैं।
- जमानत जमा करने का प्रमाण: यदि आवेदक ने जमानत जमा की है, तो उसे संपत्ति की सरकार द्वारा अनुमोदित मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
- जमींदारों की शपथ पत्र: जमींदारों को रुपये की मुहर लगा एक शपथ पत्र जमा करना भी आवश्यक होता है।
इन दस्तावेजों की प्रस्तुति आवेदक के व्यावसायिक ऋण की मान्यता के लिए आवश्यक होती है। आवेदक को ध्यान देना चाहिए कि सभी दस्तावेजों को समय पर और सही तरीके से प्रस्तुत किया जाए।
निष्कर्ष – तबेला ऋण सहायता योजना 2024
तबेला ऋण योजना 2024 गुजरात सरकार द्वारा आदिजाति विकास के माध्यम से शुरू की गई है। इस योजना के तहत, गुजरात के अनुसूचित जनजाति और जनजाति के लोगों को पशुपालन के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। यह योजना उन लोगों के लिए है जो पशुपालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहते हैं।
इस योजना के अन्तर्गत, पात्र उम्मीदवारों को आवेदन करने पर चार लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त करने का अधिकार है। ऋण की व्याज दर चार प्रतिशत है और योगदान के रूप में 10% की राशि देनी होती है। ऋण की किश्तें त्रैमासिक रूप से भुगतान की जाती हैं। इसके अलावा, यदि कोई लाभार्थी ऋण की किश्तों का समय पर भुगतान नहीं करता है, तो उसे देरी के लिए जुर्माना भी देना हो सकता है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गुजरात के अनुसूचित जनजाति और जनजाति के लोगों को पशुपालन के माध्यम से आर्थिक स्थिति में सुधार करना है और उन्हें उच्च ब्याज दरों पर ऋण लेने से मुक्ति प्रदान करना है। इसके माध्यम से उन्हें पशुपालन के व्यवसाय में निवेश करने का अवसर प्राप्त होता है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।